देश में 1 जुलाई से बीजेपी सरकार जीएसटी लागू करने जा रही है। जिसके लिए सरकार ने जिस तरह देश के पहले पीएम जवाहर लाल नहरू ने आधी रात को शपथ ली थी उसी की तर्ज पर अगले महीने की पहली तारिख की आधी रात को जीएसटी लागू करने का फैसला किया है। और केंद्र सरकार ने इसके लिए एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन भी किया है। जिसके लिए सभी पार्टियों को आमंत्रित किया गया है। लेकिन कांग्रेस ने इस मिडनाइट आयोजन का बहिष्कार करने का फैसला किया है।
पार्टी के राज्यसभा में चीफ व्हिप सत्यव्रत चतुर्वेदी ने कहा कि हम आधी रात के जीएसटी कार्यक्रम में हिस्सा लेने नहीं जाएंगे। कांग्रेस पार्टी ने इसके बहिष्कार का फैसला किया है। बता दें कि टीएमसी और डीएमके द्वारा बॉयकाट का फैसला लिए जाने के बीच कांग्रेस ने गुरुवार को इस बारे में फैसला लिया है।
गौरतलब है कि पार्टी के कई नेताओं का कहना था कि मुख्य विपक्षी पार्टी को भी जीएसटी इवेंट का बॉयकाट करना चाहिए लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को इस कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में बुलाया गया है। मनमोहन सिंह राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा करेंगे।
इसी मामले पर बात करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की। दोनों नेताओं के बीच बातचीत के बाद ही कांग्रेस ने अपना अंतिम फैसला लिया। पार्टी के दूसरे सीनियर नेताओं का भी मानना है कि व्यापारियों की भावनाओं का ध्यान रखते हुए पार्टी को जीएसटी के आधी रात वाले कार्यक्रम में नहीं शामिल होना चाहिए।
दिलचस्प ये है कि अन्य मुद्दों की तरह कांग्रेस दूसरी अन्य विपक्षी पार्टियों के साथ इस मुद्दे पर भी एकमत बनाने की कोशिश कर रही है, जैसा कि वह कई बड़े मसलों पर करती है।