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ग्लोबल टाइम्स में छपे आर्टिकल में लिखा है, ‘दलाई लामा इस विवादित इलाके में पहले भी जा चुके हैं, लेकिन इस बार फर्क यह है कि भारत के जूनियर होम मिनिस्टर किरन रिजिजू ने न केवल उनकी अगवानी की, बल्कि उनके साथ भी बने रहे।’ मंत्री ने दक्षिणी तिब्बत को भारत का हिस्सा बताया था। इस पर चाइना डेली ने ब्रिटिश उपनिवेश काल के इतिहास का हवाला दिया है। बता दें कि दलाई लामा के मुद्दे पर चीन आधिकारिक तौर पर भी भारत के सामने विरोध जता चुका है।
वहीं, ग्लोबल टाइम्स का मानना है कि भारत दलाई लामा का इस्तेमाल चीन के खिलाफ ‘जैसे को तैसा’ के तर्ज पर कर रहा है। उसका मानना है कि न्यूक्लियर सप्लायर्स ग्रुप में भारत की सदस्यता और पाकिस्तानी आतंकवादी मसूद अजहर को प्रतिबंधित करने के मुद्दे पर चीन के रुख से नाराज भारत इस तरह के कदम उठा रहा है।
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