इस दौरान एसपीजी ने दखल दी और राहुल को दूर ले जाने की कोशिश की। लेकिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं का दावा है कि राहुल गांधी को पहले पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने ले जाया गया और उसके बाद फिरोजशाह रोड़ और आखिर में तुगलक रोड़ पुलिस स्टेशन ले जाया गया। वहां पर उन्हें 9 बजे छोड़ दिया गया। उन्होंने बताया कि उन्होंने पुलिस की कार का जनपथ मेट्रो स्टेशन तक पीछा किया, लेकिन बाद में कार की स्पीड बढ़ा दी गई।
लेकिन कहानी में रोचक मोड़ तब आया, जब राहुल गांधी के साथी कनिष्क सिंह ने पीसीआर को कॉल की और कहा कि कुछ पुलिसवालों ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का अपहरण कर लिया। इस कॉल के बाद पुलिस में खलबली मच गई और कुछ पीसीआर वैन उन्हें देखने के लिए निकल गई। सिंह ने इस बारे में एफआईआर दर्ज करने की मांग करते हुए शिकायत भी की। बाद में सीनियर अधिकारियों ने पाया कि राहुल गांधी सुरक्षित हैं। पुलिस बयान में कहा गया, ‘राहुल गांधी को टॉलस्टॉय मार्ग पर उस वक्त हिरासत में लिया गया, जब वे बार-बार मना करने के बावजूद भी इंडिया गेट की तरफ कैंडल लाइट मार्च कर रहे थे। उन्हें अन्य नेताओं के साथ तुगलक रोड़ पुलिस स्टेशन लाया गया था।’
(ये खबर जनसत्ता के हवाले से प्रकाशित की गई है)