पीएम मोदी के नोटबंदी के फैसले को ऐतिहासिक फैसला बताने वाले योग गुरु बाबा रामदेव ने कई बार नोटबंदी का समर्थन किया। उन्होंने कहा था कि नोट बंदी से काले धन पर लगाम तो लगेगा ही साथ ही आर्थिक और राजनीतिक अपराध पर भी नकेल कसने में आसानी होगी। लेकिन अब बाबा रामदेव के तेवर बदले हुए नजर आ रहे हैं। बाबा रामदेव ने नोटबंदी को फ्लॉप करार करते हुए कहा, मोदी इसको भांप नहीं पाए और तैयारी खराब थी। उन्होंने कहा है कि ‘विमुद्रीकरण से 3-5 लाख करोड़ का घोटाला सामने आएगा।’
इतना ही नहीं बाबा रामदेव ने आरबीआई को भी संदेह के घेरे में ला खड़ा किया है। उन्होंने कहा कि जब खेत को बाड़ हीं खाने लगे तो किस पर भरोसा करें। योग गुरु ने यह तक कह डाला कि आरबीआई बड़ा घोटाला कर नोटों की डबल सीरीज छाप रही है। उन्होंने कहा कि कई बैंक भी इसमें शामिल हैं. वे 20-30 करोड़ रुपये की कमीशन लेकर कई लोगों के 100-100 करोड़ रुपये के पुराने नोट बदल दिए। उन्होंने साथ ही आरोप लगाया कि इस धांधली में आरबीआई भी शामिल है।
द क्विंट को दिए एक साक्षात्कार में, रामदेव ने कहा कि पहले आरटीआई से पता चला था कि कुल 13.5 लाख करोड़ रुपये के 500-1000 के नोट थे, उनमें से हीं करीब पांच लाख करोड़ रुपये पहले से बैंको में थे। नोटबंदी के बाद अब तक करीब 13 से 14 लाख करोड़ रुपये बैंकों में जमा हो चुके हैं, तो फिर बैंको के पास जो पांच लाख करोड़ थे, वो क्या थे. उन्होंने कहा, इससे लग रहा है कि पहले इन्होंने नोटों के डबल सीरिज में छापे थे और अभी जो नकदी पकड़ी जा रही है, वह डबल सीरिज में छपे नोट हो सकते हैं। जब आरबीआई के लोग हीं इसमें गड़बड़ी में शामिल हो, तो भला किस पर भरोसा किया जाए।
नोटबंदी के बाद बैंकों की भूमिका पर भी रामदेव ने कई सावाल उठाए व आलोचना की। उन्होंने कहा, मोदी जी ने भी इतना नहीं सोचा होगा कि बैंक वाले इतने बेइमान निकलेंगे। कहा कि कैश सप्लाई की कमी नहीं थी, कैश सारा का सारा बेईमान लोगों को दे दिया गया। राम देव ने आगे कहा कि, मैं मुंबई गया था तो मुझे लोगों ने बताया कि शुरू के दो दिनों में सहकारी बैंको में 100-100 करोड़ का खेल किया गया है। बहुत गंभीर सवाल है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किस पर विश्वास करें। इसके साथ ही देश के लोगों के लिए भी सोचने की बात है कि वह क्या कर रहे हैं।