उन्होंने आरोप लगाया कि इस नोटबंदी का असर किसान, मजदूर, कामगार, छोटे व्यवसायियों, सर्राफा व्यवसायियों पर व्यापक रूप से देखा जा रहा है। यह असर विकास को बाधित कर रहा है। सब्जी उत्पादक किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। कीर्ति ने कहा कि आम लोगों की नोट के अभाव में क्रय शक्ति घट गई है। इस नोटबंदी से गरीब मध्यवर्गीय लोगों के समक्ष आने वाले समय में मुसीबतें उत्पन्न हो सकती हैं। रोजगार के अवसर कम हो सकते हैं और बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न सकती है।
उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश में कैशलेस प्रणाली का सफल होना मुश्किल लगता है। उन्होंने कहा कि जिन देशों में कैशलेस प्रणाली प्रचलन में भी है वहां की सरकारों पर नोट छापने का भारी दबाव है। उल्लेखनीय है कि डीडीसीए के 13 सालों तक :2013 तक: अध्यक्ष रहे अरूण जेटली पर कीर्ति आजाद द्वारा उनके कार्यकाल के दौरान उक्त संगठन में अनियमितता बरते जाने का आरोप लगाए जाने पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने गत वर्ष 23 दिसंबर को कीर्ति को पार्टी से निलंबित कर दिया था।































































