पहले आई खबरों में 97 प्रतिशत पुराने नोटों के बैंकिंग सिस्टम में लौटने की बात कही गई थी। रिजर्व बैंक ने इसका खंडन करते हुए कहा था कि वापस आए नोटों की फिर से गिनती करनी होगी, क्योंकि आंकड़े में गणना की खामी हो सकती है। ऐसा भी संभव है कि कोई गणना दो बार हो गई हो।वित्त राज्यमंत्री अजरुन राम मेघवाल ने दो दिसंबर को राज्यसभा में दिए एक जवाब में कहा था कि आठ नवंबर को 500 रुपये के 1,716.5 करोड़ नोट और 1000 रुपये के 686.8 करोड़ नोट बाजार में थे। इन नोटों की कुल कीमत 15.44 लाख करोड़ रुपये थी। उस वक्त छोटी-बड़ी सभी नोटों का कुल मूल्य 17.95 लाख रुपये था।दिसंबर तक सिर्फ 54,000 करोड़ की प्रतिबंधित करेंसी नहीं लौटीनवंबर को 15.44 लाख करोड़ के 500 व 1000 के नोट थे बाजार में19 दिसंबर के रिजर्व बैंक के नए नोटों संबंधी आंकड़ों के मुताबिक 100 रुपये तक की छोटी करेंसी में 20.4 अरब नये नोट जारी किए गए। जबकि, 500 और 2000 के 2.2 अरब नोट जारी किए गए। इस तरह कुल 5.93 लाख करोड़ रुपये की नई करेंसी जारी की गई।
अगर 19 दिसंबर के बाद कोई नए नोट जारी नहीं किए गए, जो संभव नहीं है, तब पहले से मौजूद 2.51 लाख करोड़ रुपये के छोटे नोटों और 5.93 लाख करोड़ रुपये के 500 और 2000 रुपये के नये नोटों को जोड़कर यह आंकड़ा 8.44 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाता है।इस तरह अगर छह जनवरी को बाजार में मौजूद कुल करेंसी 8.98 लाख करोड़ रुपये में से जारी किए गए नोटों की राशि 8.44 लाख करोड़ रुपये घटाने पर 54,000 करोड़ बचते हैं। यानी ये पुराने नोट सिस्टम में वापस नहीं लौटे हैं। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक 14.90 लाख करोड़ की प्रतिबंधित कुल पुरानी करेंसी में से 96.5 प्रतिशत नोट वापस लौट आए।