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विपक्षी पार्टियां का मानना है कि सरकार लोगों को रिझाने वाली स्कीम्स लाकर चुनावी फायदा लेना चाहती है। पत्र में आगे कहा गया था कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए सरकार को जल्दी बजट लाने से रोका जाना चाहिए। पत्र में साल 2012 का भी जिक्र किया गया था। लिखा था कि तब भी उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में चुनाव थे लेकिन यूपीए सरकार ने बजट को 16 मार्च तक के लिए आगे बढ़ा दिया था।
आपको बता दें कि संसदीय मामलों की मंत्री मंडलीय समिति ने 3 जनवरी को फैसला किया था कि बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू हो जाएगा और 1 फरवरी को वित्त मंत्री अरुण जेटली बजट पेश कर देंगे। ज्ञात हो तो हर बार बजट 28 फरवरी को लाया जाता है।
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