मोदी को सिर्फ केशुभाई की चालों और अनजान दिल्ली से ही नहीं निपटना था। उनके पास रहने के लिए जगह नहीं थ, वह अपने सांसद दोस्तों के यहां इधर-उधर रहते थे। जब मैं राज्य सभा के लिए चुना गया तो मुझे एक अपार्टमेंट मिलता, तो मैंने मोदी को उसे आवास के तौर पर इस्तेमाल करने की सलाह दी। नॉर्थ एवन्यू में फ्लैट एलॉट होते-होते हफ्तों बीत गए, जो फ्लैट मिला, वह मुझे अच्छा नहीं लगा। मैंने मोदी से कहा ‘आ तो बहू सरो नाथी’ (ये उतना अच्छा नहीं है) और बताया कि मैं बेहतर फ्लैट की मांग करने जा रहा हूं। कुछ सप्ताह बाद, मुझे एक अच्छा अपार्टमेंट एलॉट किया गया। मैं और नरेंद्रभाई वह फ्लैट देखने लगे, उन्हें पसंद भी आया। जब हम वहां से निकले तो मैंने एक चाभी नरेंद्रभाई को दी और दूसरी अपने पास रख ली। फ्लैट में रंगरोगन होने से पहले ही मेरे पास आरएसएस प्रमुख केएस सुदर्शन का फोन आ गया।
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