पूर्व केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने कहा है कि जीडीपी देश के विकास की बजाए विनाश का पैमाना साबित हो रहा है। जिसमें पर्यावरण को भारी क्षति पहुंच रही है। विनाश के रास्ते पर हम तेजी से चल पड़े हैं। डॉ. जोशी ने कहा कि जीडीपी में स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी बुनियादी बातों का समावेश नहीं होता, बल्कि आधुनिकता की चकाचौंध समाहित होती है। विकास की इस आपाधापी में हम प्रकृति का जमकर शोषण और दोहन कर रहे हैं। जो भविष्य में देश के लिए भयंकर विनाशकारी साबित होगा।