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कोर्ट ने अटॉर्नी जरनल से कहा कि वह उचित प्राधिकार को इस बारे में अवगत कराएं, जिससे वे सजा बढ़ाने पर विचार करें। सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जरनल ने कहा कि धारा 304 ए में लापरवाही से गाड़ी चलाकर जान लेने तथा लापरवाही के कारण मरने के सभी मामले शामिल हैं और इसके लिए सजा बढ़ाने से कोई उद्देश्य हल नहीं होगा।
कोर्ट का मानना है कि ऐसे गाड़ी चलाने वालों पर सख्ती करने की सख्त ज़रूरत है क्योंकि ऐसी लापरवाही करने वाले लोग अपनी जान के लिए ही नहीं दूसरों के लिए भी खतरनाक होते हैं। और जो सज़ा उनके लिए बनाई गई है उससे दुर्घटना के मामले बढ़ ही रहे हैं उनमें कोई कमी नहीं है तो इसलिए सज़ा को और ज़्यादा कडा करने की ज़रूरत है। इस मामले की अगली सुनवाई 6 दिसंबर को होगी।
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