सूत्रों ने बताया कि सरकार ने जनवरी में पठानकोट एयर बेस पर हुए हमले के बाद भी ऐसी तैयारी के लिए कहा था। खास तौर पर रक्षा मंत्रालय छोटे हथियार, गोला-बारूद और अतिरिक्त पुर्जे, सुखोई और मिराज फाइटर प्लेन्स के लिए प्राथमिकता के आधार पर चाहता है।
बता दें कि 29 सितंबर यानी सर्जिकल स्ट्राइक से एक दिन पहले ही वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संकेत दिए थे कि रक्षा हितों को देखते हुए रक्षा बजट में इजाफा किया जा सकता है। अरुण जेटली ने एक बैंक कॉन्फ्रेंस में कहा था, ‘भारत में जितने भी वैश्विक आयोजन होते हैं, उनके लिए सुरक्षा का इंतजाम करना बड़ी चुनौती होती है। सुरक्षा के लिहाज से यह चुनौती कैसी होगी, यह तय नहीं होता। ऐसे में सुरक्षा में कोई कोताही न हो, यह हमारी प्राथमिकता में रहता है।’
भारत-चीन से सटी सीमा पर सेना की नई यूनिट की तैनाती के चलते गोला-बारूद और छोटे हथियारों की आपूर्ति पर्याप्त नहीं बताई जा रही है। सूत्रों की मानें तो सेना के पास छोटे हथियारों और गोला-बारूद की भारी कमी है, जिसे सेना जल्द से जल्द पूरा करना चाहती है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि आपात स्थिति में मौजूदा हथियार शायद चार दिन भी न चल पाएं।































































