मोदी के इस फ़ैसले से RTI एक्टिविस्ट्स की ‘जान पर’ बन आई है

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प्रतीकात्मक तस्वीर, टाइम्स ऑफ़ इंडिया से साभार

नई दिल्ली : केंद्र सरकार द्वारा RTI के नियमों में बदलाव किये जाने का कांग्रेस पार्टी ने कड़ा विरोध किया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल ने कहा कि सरकार का काम लोगों को सूचना देना है या उन्हें डराना। नए नियमों के अनुसार अगर RTI डालने वाले व्यक्ति की मौत हो जाये तो उस RTI मामले का आस्तित्व ख़त्म हो जायेगा। RTI कार्यकर्ता सरकार के इस कदम का विरोध कर रहे हैं। इनका कहना है कि इस बदलाव से RTI कार्यकर्ताओं पर हमले की आशंका बढ़ जाएगी। डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग ने RTI के इन नए नियमों का मसौदा तैयार किया है।

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कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटीव के वेंकटेश नायक ने कहा ‘यह एक खतरनाक कदम है क्योंकि कोई भी ताकतवर शख्स धमकी दे सकता है और इससे आवेदक अपना आवेदन वापस ले सकता है। इसकी अनुमति दी जानी चाहिए? वास्तव में, आयोग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अगर जानकारी सार्वजनिक हित में है तो इसका सक्रिय रुप से खुलासा करना चाहिए।’

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अगले पेज पर जानिए- अभी तक कितने आरटीआई एक्टिविस्ट्स की हत्या हुई है
गौरतलब है कि दिल्ली की एक संस्था की रिपोर्ट के अनुसार आरटीआई लागू होने के इन ग्यारह वर्षों में 51 आरटीआई कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई. आरटीआई कार्यकर्ताओं पर हमले और उन्हें धमकाने के 255 मामले दर्ज किये गए और 5 कार्यकर्ताओं ने उत्पीड़न से परेशान होकर आत्महत्या कर ली।

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