बीजेपी नेता और पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के नेतृत्व वाले सिटिजन ग्रुप के कई सुझावों को अस्वीकार कर दिया है। अलगाववादियों से वार्ता पर बीजेपी सरकार सहमत नहीं है।
बीजेपी सरकार ने बताया गया है कि उपद्रव और हिंसा के दौरान सुरक्षा बलों द्वारा की गई कड़ी कार्रवाई की जांच के लिए न्यायिक आयोग के गठन की सलाह को भी केंद्र ने ठुकरा दिया है। अलगाववादी पाकिस्तान से भी बातचीत के लिए जोर देते रहे हैं। त्रिपक्षीय वार्ता के सुझाव से भी केंद्र सहमत नहीं है। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री हंसराज गंगाराम अहीर ने इस आशय के संकेत दिए हैं। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने कहा कि फैसला गृह मंत्री को करना है लेकिन कोई भी बातचीत संविधान के दायरे में ही होगी। बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा के नेतृत्व में सिटिजन ग्रुप ने निजी हैसियत से 25 से 27 अक्टूबर तक श्रीनगर का दौरा कर अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक समेत कई गुटों से बातचीत की थी।
मुख्यमंत्री और गवर्नर के अलावा टीम ने सिविल सोसाइटी से भी बातचीत की थी। अपनी यात्रा के बाद यशवंत सिन्हा के नेतृत्व में आई इस टीम ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी। टीम में अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष वजाहत हबीबुल्लाह, कपिल काक, भारत भूषण और सेंटर फार डायलाग एंड रिकनसिलिएशन की कार्यक्रम निदेशक शुशोभना बार्वे शामिल थे।
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