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दरअसल, पिछले सप्ताह केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने हलफनामे में एक साथ तीन तलाक, निकाह हलाला और बहुविवाह की प्रथा का विरोध करते हुए कहा था कि इसे धर्म का जरूरी हिस्सा नहीं माना जा सकता। जिसके बाद देश के कई मुस्लिम संगठन सरकार के इस रूख का विरोध कर रहे हैं, वहीं महिला मुस्लिम संगठनों ने इसका स्वागत किया है।
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