आईएमएफ ने भारत पर अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा गया है, ‘हालांकि जीएसटी की रूपरेखा और उसके क्रियान्वयन की गति के इर्द-गिर्द कुछ अनिश्चितताएं बनी हुई है। इसे अपनाये जाने से भारत की जीडीपी वृद्धि दर मध्यम अवधि में आठ प्रतिशत से अधिक पहुंचाने में मदद मिलेगी क्योंकि यह एकल राष्ट्रीय बाजार सृजित करेगा और वस्तुओं एवं सेवाओं की देश में आवाजाही बेहतर होगी।’
मुद्राकोष ने कहा कि जीएसटी से उम्मीद की तुलना में अधिक लाभ होगा तथा आगे और संरचनात्मक सुधारों से वृद्धि को मजबूती मिलेगी। साथ ही सतत अवधि में लगातार वैश्विक ऊर्जा की कीमतें नरम रहने से भारत को लाभ होगा। रिपोर्ट के अनुसार भारत का कर राजस्व-जीडीपी अनुपात (17.5 प्रतिशत) अन्य उभरते बाजारों की तुलना में कम है। जीएसटी के वृद्धि पर पड़ने वाले सकारात्मक प्रभाव को देखते हुए प्राथमिक आधार पर इसका क्रियान्वयन होना चाहिए।
इसमें कहा गया है कि जीएसटी से मौजूदा अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में उल्लेखनीय सुधार होगा। साथ ही कर सुधार जारी रहेगा जिसमें कंपनी कर की दर चरणबद्ध तरीके से चार साल में 30 प्रतिशत से 25 प्रतिशत पर लाया जाएगा। जीएसटी ज्यादातर मौजूदा अप्रत्यक्ष कर को समाहित करेगा जिसमें उत्पाद शुल्क, बिक्री और सेवा कर शामिल हैं जिससे चीजें आसान होंगी। भारत सरकार एक जुलाई से जीएसटी लागू करने की उम्मीद कर रही है।































































