सूत्रों के मुताबिक दौलत बेग ओल्डी में 2013 में एक पखवाड़े तक चले गतिरोध के बाद सेना और आईटीबीपी द्वारा ‘सक्रिय गश्ती’ का फॉर्म्युला अपनाने का काफी फायदा हुआ है और चीनी लद्दाख सेक्टर में घुसपैठ करते समय काफी सतर्क रहते हैं। सूत्रों ने कहा कि इस बार सेना और आईटीबीपी के जवानों ने पीएपीएफ के सुरक्षा बलों को शिविर डालने की अनुमति नहीं दी और उन्हें एक किलोमीटर दूर स्थित अपने आधार शिविर में सामान वापस ले जाने को बाध्य कर दिया।
वहीं, शुक्रवार को चीन ने दोनों देशों के बीच के लाइन ऑफ ऐक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर यथास्थिति से किसी छेड़छाड़ से इनकार किया था। चीन ने उन रिपोर्ट्स को भी खारिज किया, जिनमें चीनी सैनिकों के लद्दाख के डेमचोक इलाके में घुसपैठ की बात कही गई थी। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चनियंग ने एक बयान में कहा, ‘मैं आपको बता सकती हूं कि चीनी सेना LAC पर अपने हिस्से में काम कर रही है। हालांकि अभी भी दोनों देशों के बीच की सीमा को निर्धारित किया जाना बाकी है। पर इलाके में स्थिरता और सुरक्षा के लिए दोनों देश कई आम सहमति और समझौते पर पहुंचे हैं।’