अलविदा ‘अम्मा’: जयललिता के संघर्ष की अनकही दास्ता…

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Jayalalithaa

नई दिल्ली। तमिलनाडु की मुख्‍यमंत्री जे जयललिता का सोमवार(5 दिसंबर) देर रात निधन हो गया। सोमवार रात 11.30 बजे जयललिता ने चेन्नई के अपोलो अस्पताल में अंतिम सांस ली। वह 68 वर्ष की थीं। अस्पताल ने प्रेस रिलीज जारी कर उनके निधन की आधिकारिक पुष्टि की है। ‘अम्मा’ के नाम से मशहूर जयललिता का मरीना बीच पर आज अंतिम संस्कार किया जाएगा। आइए जानते हैं जयललिता के जीवन से जुड़ीं कुछ महत्वपूर्ण बातें…

-24 फरवरी 1948 को कर्नाटक में स्थित मैसूर के मंड्या जिले में एक तमिल ब्राह्मण परिवार में जयललिता का जन्म हुआ था। उन्होंने बेंगलुरु के बिशप कॉटन गर्ल्स से हाई स्कूल की शिक्षा प्राप्त की।

– पिता ने निधन होने के बाद जयललिता का परिवार चेन्नई में रहने लगा। बाद में जब उनकी मां ने तमिलनाडु की फिल्म इंडस्ट्री में अभिनेत्री के तौर पर करियर शुरू किया तो उन्होंने चेन्नई के प्रजेंटेशन कॉन्वेंट में दाखिला लिया।

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– छह बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं जयललिता को शुरुआती लोकप्रियता एक नेता के तौर पर नहीं बल्कि अभिनेत्री के तौर पर मिली थी। परिवार की आर्थिक तंगी के चलते उन्हें 15 वर्ष की उम्र में फिल्म इंडस्ट्री में जाना पड़ा। उन्होंने तमिल, कन्नड़, मलयालम और बॉलीवुड की फिल्मों में काम किया।

– तमिल सिनेमा में नाम कमा चुकीं जयललिता का राजनीतिक सफर 1982 में शुरू हुआ। दक्षिण भारत की राजनीति के आइकॉन और एआईएडीएमके के संस्थापक मरुदुर गोपालन रामचंद्रन 1982 में जया को राज्य की राजनीति में लेकर आए।

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– जयललिता को उनके प्रशंसक और उनकी पार्टी एआईएडीएमके के नेता, समर्थक प्यार से ‘अम्मा’ या मां कहते थे। उन्हें पुरात्चि थलाइवी (क्रांतिकारी नेत्री) भी कहा जाता था। जयललिता ने इस वर्ष मई में दोबारा मुख्यमंत्री बनकर इतिहास रच दिया था।

– 1982 में, 34 वर्ष की उम्र में जयललिता ने एआईएडीएमके पार्टी में शामिल हुईं। उन्हें प्रचार विभाग का सचिव नियुक्त किया गया और जल्द ही उन्हें राज्य सभा के लिए मनोनीत कर दिया गया।

– तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे एमजी रामचंद्रन की 1987 में निधन हो गया। अगले वर्ष एआईएडीएमके पार्टी टूट गई, क्योंकि पार्टी के कुछ लोग रामचंद्रन की पत्नी जानकी का समर्थन कर रहे थे तो कुछ लोग जयललिता के समर्थन में थे। जिसे लेकर पार्टी जयललिता और एमजीआर की पत्नी के बीच दो हिस्सों में टूट गई।

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– 1991 में जयललिता पहली बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनीं। इसके बाद 2001 में वह तमिलनाडु की दूसरी बार मुख्यमंत्री बनी। वहीं 2011 में पार्टी को 203 सीटें मिलीं और ‘अम्मा’ तीसरी बार तमिलनाडु की सीएम बन गईं।

– 2014 में भ्रष्टाचार के आरोप में जयललिता को सजा हुई। इसके चलते उन्हें अपने पद से इस्तीफा भी देना पड़ा था। हालांकि, आठ माह बाद उन्हें कर्नाटक हाईकोर्ट ने आरोप मुक्त कर दिया था और उन्होंने फिर से मुख्यमंत्री की कुर्सी संभाल ली थी।