पठानकोट हमले की जांच कर रही एनआईए ने 101 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मौलाना मसूद अजहर, उसके भाई अब्दुल रउफ असगर, लांचिंग कमांडर शाहिद लतीफ और हैंडलर कासिफ जान को मुख्य अरोपी बताया गया है। 2 जनवरी को हुए इस आतंकी हमले में सेना के सात जवान समेत 37 लोग घायल हो गए थे। NIA ने बताया है कि आतंकवादियों ने इस हमले का कोड ‘निकाह’ रखा था। पठानकोट आए हमलावरों को ‘बाराती’ का नाम दिया गया था।
हमले के दौरान लगातार काशिफ जान और उसके सहयोगियों के बीच फेसबुक पर चैटिंग हो रही थी और भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद वे एक-दूसरे को बधाई दे रहे थे। NIA के पास इस चैट का ब्योरा है। इसमें इकबाल नाम के एक शख्स ने लिखा, ‘क्या कैफियत है, क्या नजारे हैं। बहुत ही उम्दा।’
एक अन्य चैट में मोहम्मज जिया ने काशिफ से पठानकोट के हालात के बारे में पूछा। इसपर काशिफ का जवाब था, ‘नजारे खत्म हुए, बाराती घर गए।’ NIA ने आरोप लगाया है कि आतंकवादी चाहते थे कि भारत सरकार को यह पता चले कि हमले के पीछे जैश-ए-मुहम्मद का हाथ है। आतंकवादी अपने साथ हाथ से लिखे हुए नोट्स लाए थे। इनमें से एक अंग्रेजी में था और दूसरा उर्दू में था। इसमें हमले के मकसद का खुलासा किया गया था। इस नोट में लिखा था, ‘जैश-ए-मोहम्मद जिंदाबाद। तंगधार से लेकर सांबा, कठुआ, राजबाग और दिल्ली तक अफजल गुरु शहीद के जान निसार तुमको मिलते रहें। अल्लाह AGS 25-12-15’
NIA की चार्जशीट में मसूद अजहर के अलावा पाकिस्तानी अधिकारियों के शामिल होने की भी आशंका जताई गयी है। हमले के बाद भारतीय सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में जो चार आतंकी मारे गए थे, उनका सरगना इसी काशिफ जान को बताया गया है। पाकिस्तान और PoK में आतंकियोंकी भर्ती और ट्रेनिंग के लिए शिविर लगाए गए। जिनमें न सिर्फ उनका ब्रेन वश किया गया बल्कि उन्हें भारत के खिलाफ जिहाद शुरू करने की जमकर ट्रेनिंग भी दी गई।
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