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पिछले जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई थी. हिंसा के कारण जिन लोगों पर सीबीआइ केस दर्ज हुए, वह किसी सूरत में वापस नहीं होंगे। दिल्ली स्पेशल पुलिस री-स्टेबलिशमेंट एक्ट में तो इसका प्रावधान है ही, सुप्रीम कोर्ट के भी इस बारे में स्पष्ट आदेश हैं। जांच-पड़ताल के बाद सीबीआइ जब तक ऐसे केस में क्लोजर रिपोर्ट नहीं देगी, तब तक केस वापस नहीं हो सकेंगे। हरियाणा के एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन ने यह राय जाहिर की है। मंगलवार शाम को एडवोकेट जनरल के कार्यालय में हरियाणा सरकार और जाट नेताओं के प्रतिनिधियों के बीच लंबी बातचीत हुई। पानीपत में सोमवार को हुई वार्ता के दौरान आंदोलनकारियों पर दर्ज मुकदमों की समीक्षा के लिए कमेटी का गठन करने पर सहमति बनी थी।
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