पीएम नरेंद्र मोदी ने H-1B वीजा पर शर्तें कड़ी करने के ट्रंप प्रशासन के इरादे को लेकर भारत की चिंता की ओर इशारा करते हुए अमेरिका से कुशल प्रफेशनल्स की आवाजाही पर ‘तार्किक, संतुलित और दूरदर्शी’ नजरिया अपनाने की अपेक्षा की। मोदी ने अमेरिकी कांग्रेस के द्विदलीय प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुये कहा कि अमेरिकी प्रशासन और कांग्रेस में बदलाव के बाद द्विपक्षीय आदान—प्रदान के मामले में प्रतिनिधिमंडल का आगमन अच्छी शुरुआत है।
पीएम ने मंगलवार को अमेरिकी कांग्रेस के सदस्यों से बातचीत के दौरान H-1B वीजा का मुद्दा उठाया और इशारों-इशारों में समझा दिया कि भारतीय प्रफेशनल्स पर पाबंदी सही कदम नहीं होगा। यह पहली बार है जब इस मुद्दे पर मोदी की चिंता सार्वजनिक की गई है। पीएम ने प्रेजिडेंट डॉनल्ड ट्रंप की बहुचर्चित चुनावी वादों में एक से विचलन की ओर इंगित किया है।
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर राष्ट्रपति ट्रंप के साथ हुई उनकी सकारात्मक बातचीत को याद किया और पिछले ढाई साल में गहरे हुये द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत बनाने की प्रतिबद्धता के बारे में बताया।
मोदी ने भारत—अमेरिका भागीदारी के लिये कांग्रेस के दोनों दलों के मजबूत समर्थन की भी पुष्टि की। प्रधानमंत्री कायार्लय से जारी एक वक्तव्य में यह जानकारी दी गई है।
प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान मोदी ने उन क्षेत्रों के बारे में अपने विचारों से अवगत कराया, जिनमें दोनों देश अधिक नजदीकी के साथ काम कर सकते हैं। इन क्षेत्रों में लोगों के बीच बेहतर संपर्क महत्वपूर्ण है जिसका पिछले कई सालों के दौरान एक दूसरे की समृद्धि में काफी योगदान रहा है।
गौरतलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने पिछले महीने कार्यभार ग्रहण करने के फौरन बाद एच—1बी और एल1 जैसे वीजा कार्यक्रमों की नये सिरे से समीक्षा का फैसला किया। उनके इस फैसले का भारतीय प्रौद्योगिकी कंपनियों और अमेरिका में काम कर रहे पेशेवरों के कामकाज पर प्रतिकूल प्रभाव होगा।