तमिलनाडु के कई नेताओं को दफनाए जाने की प्रक्रिया देखने वाले एक वरिष्ठ राजनैतिक एनालिस्ट कहते हैं कि दफनाने के पीछे एक से ज्यादा वजहें हो सकती हैं। उन्होंने कहा, ”चूंकि, वह विश्वास रखती थीं, यह तय है कि लोग मृत्यु के बाद उन्हें दफनाने की ही बात करेंगे। लेकिन उन्हें दाह संस्कार के लिए एक सगा रिश्तेदार चाहिए। जयललिता की सिर्फ सगी भतीजी दीपा जयाकुमार (जयललिता के स्वर्गवासी भाई, जयाकुमार की बेटी) हैं। यह भी साफ है कि शशिकला का वंश दीपा को किसी तरह से भी अंतिम संस्कार जुलूस के आस-पास फटकने नहीं देगा क्योंकि उससे चुनौती पैदा होगी।”
ब्रिटेन की एक यूनिवर्सिटी से मीडिया और कम्युनिकेशंस में रिसर्च कर रहीं दीपा को अपोलो हॉस्पिटल में भी जयललिता से मिलने नहीं दिया गया था, जबकि वह कई बार उन्हें देखने अस्पताल गई थीं। दो दिन पहले, पुलिस दीपा और उनके पति को अपोलो हॉस्पिटल के गेट से बाहर धक्का देते हुए नजर आई थीं। दोनों को मीडिया से दूर रखने के निर्देश वरि ष्ठ नेताओं की तरफ से आए थे।