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सूत्रों के मुताबिक, विवाद के घेरे में आए 9W 118 प्लेन का एक पायलट ‘कंट्रोल्ड रेस्ट’ ले रहा था। आम भाषा में कहें तो वह सो रहा था। एविएशन के लिए तय मानक इस बात की इजाजत देते हैं कि एक पायलट विमान का कंट्रोल संभाले तो दूसरा आराम कर सकता है। प्लेन में जब पायलट सो रहा था तो दूसरे ने विमान के कम्यूनिकेशन सिस्टम को गलत फ्रीकवेंसी पर डाल दिया। इसके अलावा, उसके हेडसेट का वॉल्यूम भी कम था। इस वजह से पायलट का संपर्क जर्मन एटीसी से नहीं हो पाया। इसी वजह से एटीसी यूनिवर्सल इमर्जेंसी फ़्रीक्वेंसी 121.5 मेगाहर्ट्ज पर भी विमान के पायलटों से संपर्क करने में असफल रही। हालांकि, इस पूरे मामले पर जेट एयरवेज का यही कहना है कि इस मामले की जांच एयरलाइंस और डीजीसीए की ओर से की जा रही है। फिलहाल कुछ भी बता पाना ममुकिन नहीं है।
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