पढ़िए, भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए क्यों सिरदर्द है सिमी

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सिमी के तार आईएम से भी जुड़े हैं और वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने संबंधी हमलों में भी शामिल रहा है। 2013 में पटना में एक चुनावी रैली के दौरान बीजेपी के तत्का लीन प्रधानमंत्री पद के उम्मीधदवार नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने की कोशिश की गई थी। इस हमले का मास्टनरमाइंड आईएम का आतंकी हैदर अली उर्फ ‘ब्लैिक ब्यूोटी’ था और उसके साथ सिमी के कई सदस्यन शामिल थे।

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1977 में हुआ था गठन
कट्टरपंथी छात्रों के संगठन सिमी का गठन 1977 में यूपी के अलीगढ़ में हुआ था। सिमी के संस्थापक अध्यक्ष मोहम्मद अहमदुल्ला सिद्दीकी अमेरिका की वेस्टर्न इलिनोइस यूनिवर्सिटी में पत्रकारिता और पब्लिक रिलेशंस के प्रफेसर रहे हैं। हालांकि सिद्दीकी का कहना है कि उनका सिमी से अब कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि संगठन पर अब रेडिकल लोगों का कब्जा हो गया है। अमेरिका में 9/11 के हमले के बाद सिमी पर 2001 में पोटा के तहत पाबंदी लगा दी गई थी। हालांकि, यूपीए सरकार ने पोटा को खत्म कर दिया था, लेकिन सिमी पर पाबंदी बरकरार है। केंद्र सरकार ने यूपी, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की सरकारों के अनुरोध पर सिमी पर पाबंदी लगाई थी। पुलिस जांचों में खुलासा हुआ था कि 2001 में पुणे और कानपुर में हुए सांप्रदायिक दंगों और स्वतंत्रता दिवस पर साबरमती एक्सप्रेस में हुए बम धमाके में सिमी के लोगों का हाथ था।
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