शिमला: मोदी ने दिवाली मनाने के लिए हिमाचल प्रदेश के चांगो (किन्नौर) को यूंही नहीं चुना। मोदी यहां अचानक भले ही पहुचे हों, अकारण नहीं पहुंचे। उनका यहां आना कई मायनों में अहम इसलिए माना जा रहा है क्योंकि यहां से ही देश की सीमा चीन के उस क्षेत्र में लगती है जहां से तिब्बत भारत में व्यापार करने आता था। पुराने सिल्क सूट के नाम से इस सीमा से होते हुए चामूर्थी घोड़े, चिलगोजे अथवा याक ऊन का व्यापार होता था। अचानक ही नरेंद्र मोदी हिमाचल प्रदेश के सीमावर्ती गांव में दीपावली के दिन हेलीकॉप्टर से चांगों के आइटीबीपी हैलीपैड पर उतरे और समधो गांव में तैनात जवानों के बीच लड्डुओं के साथ दीपावली मना आए।
मोदी ने जेब में टॉफियां ले रखी थीं जिन्हें स्थानीय बच्चों को बांटा। वहीं राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर करीब दो हफ्तों के अंतराल में हिमाचल प्रदेश में प्रधानमंत्री का यह दूसरा दौरा खास महत्व चीन से संबंधों को लेकर तो रखता ही है वहीं देश की बेटियों के लिए भी मोदी की स्पष्ट सोच परिलक्षित करता है। राज्य के इस 190 किलोमीटर बॉर्डर की रक्षा बहुत जल्द देश की 100 बेटियां करेंगी। आइटीबीपी की महिला बटालियन पहली बार यहां पहरा देगी।
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