अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा व्यक्तित्व एक सहभागी, जीवंत और समावेशी लोकतंत्र में साक्षरता आवश्यक कदम है। इस अवसर पर उन्होंने विख्यात तेलुगू कवि गुरजदा अप्पा राव की पंक्तियां सुनाई जिसमें उन्होंने कहा था ‘देश हमारे पैरों के नीचे की जमीन नहीं है बल्कि हम लोग इस धरती के ऊपर रहते हैं’ हमें गरीबों में भी सबसे गरीब तक पहुंचना होगा। यही अंत्योदय दृष्टिकोण है।
इस अवसर पर केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा, मानव संसाधन विकास तथा जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण राज्य मंत्री डॉ. सत्यवपाल सिंह, स्कूल शिक्षा व साक्षरता विभाग के सचिव अनिल स्वरूप उपस्थित रहे। इस दौरान प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि आजादी के समय साक्षरता 18 प्रतिशत थी जो अब 81 प्रतिशत तक पहुंची है। लेकिन अभी भी 19 फीसदी लोग हैं जो नहीं पढ़ सकते, मेरी उन्हें शिक्षित करने की प्रेरणा है। मैने भी बचपन में अपनी माता के साथ लोगों को पढ़ाया है।