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काटजू यहीं नहीं रुके। उन्होंने फेसबुक पर ‘गांधी एंड कास्ट’ टाइटल से एक पोस्ट लिखी। काटजू ने लिखा, ‘गांधी ने 1920 में कहा था कि हिंदुओं को अपना वंशानुगत व्यवसायों को ही अपनाना चाहिए। साथ ही उन्होंने इंटरकास्ट मैरिज का भी विरोध किया था।’ काटजू ने आगे लिखा कि 1930 तक आते-आते गांधी ने अपना स्टैंड बदल दिया और कहने लगे कि वह जाति व्यवस्था का विरोध करते हैं, लेकिन वर्ण व्यवस्था का समर्थन करते हैं।
काटजू ने इस आधार पर आगे लिखा कि यही ‘पाखंड’ गांधी की विशेषता थी। इसी पोस्ट पर अबू तल्हा नाम के एक पाठक का कॉमेंट है। पाठक ने लिखा कि कोई परफेक्ट नहीं होता, कम से कम उनके जन्मदिन पर तो कुछ सम्मान दिखाइए। इसके जवाब में काटजू लिखते हैं, ‘सॉरी, मैं ऐसे किसी फ्रॉड और पाखंडी के लिए सम्मान नहीं दिखा सकता जिसने मेरे देश को काफी नुकसान पहुंचाया।’
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