ऑल इंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के चीफ इमाम उमर अहमद इलियासी का कहना है कि किसी भी इमाम को भारतीय सेना द्वारा मारे गए आतंकी के लिए आखिरी नमाज नहीं पढ़नी चाहिए। उन्होंने साथ ही कहा कि आतंकियों को दफनाने के लिए जमीन भी नहीं देनी चाहिए। इलियासी ने भारतीय सेना के पाक अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक के बाद यह बयान दिया। उन्होंने लुधियाना में कहा कि सेना के जवानों ने पीओके में घुसकर और आतंकी ठिकानों को तबाह कर साहसी कार्य किया है। इलियासी ने कहा, ”खबरों के अनुसार इस स्ट्राइक के दौरान कई आतंकी मारे गए। हमारी सेना की ओर से उठाए गए इस कदम का हम स्वागत करते हैं।” मौलाना इलियासी ने सरकार से मांग की है कि पाकिस्तान के साथ कारोबार, बस सेवा, रेल सेवा और अन्य सभी काम बंद कर देने चाहिए। पाकिस्तान दोस्ती के काबिल ही नहीं है।
इलियासी ने कहा, ”आतंकवादी हमारे देश के दुश्मन हैं और उनसे ऐसा ही व्यवहार किया जाना चाहिए। इस्लामिक परंपरा के अनुसार उनके लिए नमाज पढ़कर उनके साथ मुसलमानों सा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए। इस मौके पर हम भारतीय एकजुट हैं और पाकिस्तान की घटिया नीतियों का जवाब देने को तैयार हैं। मैं भारत की सभी मस्जिदों के इमामों से अपील करता हूं कि वे आतंकियों के लिए नमाज ए जनाजा ना पढ़ें।” उन्होंने लुधियाना जामा मस्जिद के शाही इमाम हबीब उर रहमान सानी लुधियानवी से भी मुलाकात की। लुधियानवी ने कहा, ”हमें भारतीय सेना पर गर्व होना चाहिए। पाकिस्तान को समझ लेना चाहिए कि कश्मीर भारत का अखंड हिस्सा है और उन्हें इसका ख्वाब नहीं देखना चाहिए।” शाही इमाम ने कहा कि केंद्र सरकार को चाहिए कि जिंदा पड़के गए आतंकवादी उस पर मुकदमा चलाने की बजाय उसे चौराहे पर फांसी दे
गौरतलब है कि भारतीय सेना की ओर से पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की गई। इसमें बड़ी संख्या में आतंकी मारे गए साथ ही उन्हें बड़ा नुकसान भी हुआ। डीजीएमओ ने बताया कि इस कार्रवाई में भारतीय सेना को कोई नुकसान नहीं हुआ।