इजरायल से दोस्ती की अहमियत

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इजरायल

इजरायल का दौरा करने वाले नरेंद्र मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। दूरदर्शी प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव की सरकार ने 1992 में इजरायल के साथ पूर्ण राजनयिक संबंधों की बुनियाद रखी थी। 2003 में भारत का दौरा करने वाले एरियल शेरोन पहले इजरायली प्रधानमंत्री बने। उनसे पहले 1997 में आइजर वाइजमैन भारत का दौरा करने वाले पहले इजरायली राष्ट्रपति थे। 2016 में इजरायली राष्ट्रपति रुवेन रिवलिन भारत आए। चूंकि अभी तक किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने इजरायल का दौरा नहीं किया है इस लिहाज से मोदी का इजरायल जाना कई मायनों में ऐतिहासिक है।

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हम इससे अवगत हैं कि दुनिया के तमाम हिस्सों में मुसलमान इजरायल को संदेह की दृष्टि से देखते हैं। इस संदेह की जड़ें हजरत मोहम्मद साहब के जमाने से जुड़ी हैं। जब मोहम्मद साहब ने खुद को पैगंबर घोषित किया तो उन्होंने यह उम्मीद की कि यहूदी उनका समर्थन करेंगे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। तबसे ही मुसलमानों का यहूदियों से बैर चला आ रहा है। यहूदियों से खार खाने वाले मुसलमान अकेले नहीं है। सदियों से ईसाइयों के साथ भी उनका छत्तीस का आंकड़ा रहा।

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Source: तुफैल अहमद