प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का शिलान्यास करने के लिए गोवा में हैं। यहां कई विकास प्रोजेक्ट्स की शुरुआत पीएम के हाथों की गई। इस मौके पर बोलते हुए पीएम के भाषण में कभी धमकी वाला अंदाज था तो कभी कॉमेडी वाला, कहीं वो भावुक हो गए तो कभी देशप्रेम की बातें की। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की तारीफ करते हुए उन्हों ने कहा,”ऐसा कहा जाता है कि अकबर की कैबिनेट में नवरत्न थे, मैं गर्व से कह सकता हूं कि मेरी कैबिनेट में कई हैं, गोवा से पर्रिकर जी उनमें से एक हैं।”
कालेधन पर बोलते हुए मोदी ने कहा ‘कैबिनेट की पहली मीटिंग में मैने कालेधन पर SIT का गठन करके अपने मंसूबे साफ़ कर दिए थे। आज दवा की डोज ज्यादा हो गई तो लोगों को घबराहट हो रही है’। मोदी ने कहा कि ‘जिन्हे लगता है कि आगे जो होगा वो देखा जाएगा , वो मुझे पहचान लें। कालाधन रखने वालों के खिलाफ़ ये कोई आखिरी कार्यवाई नहीं थी, मेरे दिमाग में अभी कई प्लानिंग चल रही है।’राहुल गांधी पर चुटकी लेते हुए मोदी ने राहुल का नाम लिए बगैर कहा कि ‘जिनके पास करोड़ों की संपत्ति थी वो आज चार हजार रुपयों के लिए लाइन में लगे हैं’
ये कहते हुए मोदी भावुक हो गए कि ‘मैं कुर्सी के लिए पैदा नहीं हुआ। मैने घर परिवार सबकुछ देश के लिए छोड़ा है’। मोदी ने आगे कहा कि ‘मैं जानता हूं कि कालेधन के खिलाफ़ लड़ाई छेड़कर मैने कैसे कैसे लोगों से दुश्मनी मोल ली है। वो लोग मुझे जिंदा नहीं छोड़ेंगे…। लेकिन मोदी डरने वाला है। मुझे जिंदा भी जला दोगे तब भी मैं डरने वाला नहीं हूं’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कालेधन को बाहर निकालने के लिए और कदम उठाने का संकेत दिया। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के पास बेहिसाबी धन है, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा और इस बात की कोई ‘गारंटी’ नहीं है कि 30 दिसंबर के बाद और कदम नहीं उठाए जाएंगे। सरकार ने लोगों को पुराने नोट जमा कराने के लिए 30 दिसंबर तक का ही समय दिया है। उन्होंने ईमानदार लोगों को भरोसा दिलाया कि उन्हें किसी तरह की परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी।मोदी ने कहा, ‘मैं एक बार फिर यह घोषणा करना चाहूंगा कि इस योजना के बंद होने के बाद इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि कालाधन रखने वालों को ठिकाने लगाने के लिए (दंड देने के लिए) कोई नया कदम नहीं उठाया जाएगा।’ यहां एक स्वागत समारोह में वह भारतीय समुदाय को संबोधित कर रहे थे।मोदी ने कहा, ‘मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं यदि किसी बेहिसाबी चीज का पता चलता है, तो मैं आजादी के बाद के सारे रिकॉर्ड की जांच करवाऊंगा। इसकी जांच के लिए जितने लोगों को लगाने की जरूरत होगी, लगाऊंगा। ईमानदार लोगों को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी। किसी को बख्शा नहीं जाएगा। जो मुझे जानते हैं वे समझदार भी हैं। उन्होंने इसे बैंकों के बजाय गंगा में डालना बेहतर समझा।’
उनका इशारा इन रपटों पर था कि बंद किए जा चुके 500 और 1,000 के नोट गंगा नदी में प्रवाहित किए गए हैं। मोदी ने इसे ‘स्वच्छता अभियान’ करार दिया। उन्होंने कहा कि आठ नवंबर को इस घोषणा के बाद लोगों द्वारा परेशानी का जिस चुनौतीपूर्ण तरीके से सामना किया गया है वह काबिले तारीफ है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘मैं अपने देश के लोगों को सलाम करता हूं। लोग चार से छह घंटे तक लाइन में खड़े हुए हैं लेकिन उन्होंने राष्ट्रहित में इस फैसले को स्वीकार किया जैसा कि 2011 की आपदा के बाद जापान ने किया था।’ उन्होंने कहा, ‘मैं लोगों के समक्ष आने वाली परेशानियों पर लंबे समय तक विचार किया लेकिन इसे गोपनीय रखना भी जरूरी था। इसे अचानक किया जाना था, लेकिन मुझे कभी यह नहीं पता था कि इसके लिए मुझे शुभकामनाएं मिलेंगी।’ मोदी ने कहा, ‘मैं प्रत्येक और हर भारतीय को सलाम करता हूं। कई परिवारों में शादियां हैं, स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं, उन्हें असुविधा हो रही है, लेकिन उन्होंने फैसले को स्वीकार किया है।’ सरकार की कार्रवाई की आलोचना करने वाले विपक्षी दलों की ओर इशारा करते हुए मोदी ने कहा कि एक वर्ग लोगों को उनके खिलाफ बोलने के लिए उकसा रहा है लेकिन लोगों ने राष्ट्रीय हित में फैसले को स्वीकार किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘कानून सभी के लिए समान होना चाहिए। लोग इस बात को लेकर खुश हैं कि मोदी का 1,000 का नोट भी अब नहीं चलेगा।’ उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि दुनिया इस बात को स्वीकार कर रही है कि भारत सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में है। देश को ऐतिहासिक रूप से काफी ऊंचा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मिल रहा है।
मोदी ने कहा, ‘अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष, विश्व बैंक सभी एक आवाज में बोल रहे हैं। आईएमएफ ने कहा है कि भारत उम्मीद की किरण है। विश्व अर्थशास्त्री मानते हैं कि भारत सबसे तेज गति से आगे बढ़ रहा है। मेरी एफडीआई की अपनी परिभाषा है। पहली परिभाषा है कि पहले भारत का विकास करो, दूसरी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश है।’ मोदी ने बताया कि पिछले दो साल में सरकार की विभिन्न पहल से 1।25 लाख करोड़ रुपये का कालाधन बाहर आया है।