आर्मी चीफ बनते ही बिपिन रावत ने पाकिस्तान को दो टूक संदेश देते हुए रविवार को कहा कि सेना की भूमिका बार्डर पर शांति बनाए रखने की है लेकिन वह ज़रूरत पड़ने पर अपनी ताकत का इस्तेमाल करने से नहीं चूकेंगे। उन्होंने कहा कि सेना की पूर्वी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बख्शी और दक्षिणी कमान के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल पी एम हारिज सेना में सेवा देते रहेंगे और उसकी एकता बनाए रखेंगे।
जनरल रावत ने कहा, “सेना का काम सीमा पर शांति बनाए रखना है लेकिन जरूरत पड़ने पर वह ताकत का इस्तेमाल करने से नहीं चूकेगी।” उन्होंने कहा कि सेना की सभी इकाइयां एवं सेवाएं एकजुट हैं और वह उनमें से हर एक को एक अकेली इकाई के रूप में देखेंगे।
इसके साथ ही कई दिनों से चले आ रहे वरीयता के विवाद पर भी सेनाध्यक्ष ने विराम लगाने की कोशिश की। जनरल रावत ने कहा कि उन्हें सेनाध्यक्ष बनाना सरकार का फैसला है और वरीयता क्रम में बड़े रहे दोनों ही ऑफिसर उनसे कंधे से कंधा मिलाकर काम कर चुके है और आगे भी सेना के हित में काम करते रहेंगे। नए सेना प्रमुख ने कहा कि सेना की दूरदर्शिता और प्राथमिकताओं में कोई बदलाव नहीं होगा। इंफ्रेट्री से आए जनरल रावत ने कहा कि उनकी नजर में सेना का हर जवान बराबर है चाहे वो किसी भी पलटन का हो। जनरल रावत को ऐसे समय बड़ी जिम्मेदारी दी गई है जब सरहद पार चुनौतियां कम होने के बजाए लगातार बढ़ रही हैं बावजूद इसके नए सेना प्रमुख से काफी उम्मीदें है क्योंकि उन्हें जम्मू कश्मीर से लेकर चीन सीमा में काम करने का काफी तर्जुबा हैं।
इससे पहले लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बख्शी ने नए साल के जश्न में हुए एक कार्यक्रम में बात करते हुए कहा था कि वह सेना नहीं छोड़ रहे। दरअसल, इससे पहले तक खबरें आ रही थीं कि बक्शी रावत के सेना प्रमुख बनने से नाराज हैं और सेना छोड़ देंगे। लेफ्टिनेंट जनरल प्रवीण बक्शी ने बताया था कि उन्होंने फोन करके रावत को बधाई भी दी थी।
गौरतलब है कि बीपीब रावत ने साल के आखिरी दिन यानि कि शनिवार को नए थलसेनाध्यक्ष के रूप में पद संभाला था।जनरल दलबीर सिंह ने उन्हें सेना प्रमुख की कमान दी।