संन्यासियों पर मोदी सरकार मेहरबान, अब माता-पिता की जगह गुरु के नाम से भी पासपोर्ट बनवा सकेंगे साधु-संत

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फाइल फोटो।
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नई दिल्ली। मोदी सरकार ने पासपोर्ट बनवाने के लिए नए नियमों की घोषणा की है। सरकार ने जन्मतिथि के सबूत के तौर पर जन्म प्रमाणपत्र की अनिवार्यता समाप्त कर दिया है। पासपोर्ट के आवेदन के साथ आधार कार्ड, पैन कार्ड, चुनाव पहचान पत्र, पेंशन ऑर्डर, ड्राइविंग लाइसेंस और एलआइसी बांड में लिखित जन्मदिन को जन्म प्रमाणपत्र मान लिया जाएगा।

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हालांकि, सरकार ने एक ऐसा नियम बनाया है, जिसकी वजह से उसे आने वाले दिनों में विपक्षी पार्टियों के आरोपों का सामना करना पड़ सकता है। अब नए नियमों के मुताबिक, साधु-संन्यासी पासपोर्ट में अपने माता-पिता की जगह आध्यात्मिक गुरु का नाम लिख सकते हैं।

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दरअसल, साधु-संन्यासियों की तरफ से सरकार से अनुरोध किया गया था कि उनके माता-पिता की जगह आध्यात्मिक गुरु का नाम होना चाहिए। सरकार ने इस अनुरोध को मान लिया है। इसके लिए उन्हें कोई ऐसा पहचान पत्र पेश करना होगा, जिसमें माता-पिता की जगह उस आध्यात्मिक गुरु का नाम हो। इसमें चुनाव पहचान कार्ड, आधार कार्ड या पैन कार्ड वगैरह शामिल हैं।

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