केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च ऐंड डिवेलपमेंट की तरफ से आयोजित कार्यक्रम ‘नेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी’ में भाषण के दौरान कहा है कि सरकार अंडरकवर ऑपरेशनों को सुरक्षा देने के लिए आतंक-रोधी कानूनों को पहले से ज्यादा सख्त बनाने पर गंभीरता से विचार कर रही है।
गृहमंत्री ने कहा कि हम खुफिया जानकारियों को सबूतों के तौर पर इस्तेमाल करने के बारे में सोच रहे हैं। साथ ही हम अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रिवेंशन) एक्ट और एनआईए एक्ट को मजबूत बनाने पर विचार कर रहे हैं। हमारी सरकार आंतिकयों को दंडित करने को लेकर प्रतिबद्ध है।
राजनाथ ने आतंकवादियों द्वारा सोशल मीडिया के बड़े पैमाने पर हो रहे इस्तेमाल पर कहा, ‘इन चुनौतियों का सामना करने के लिए इंडियन कंप्यूटर इमर्जेंसी रिस्पांस टीम सीईआरटी-आईएन, सेंटर फॉर डिवेलपमेंट ऑफ अडवांस्ड कंप्यूटिंग सी-डेक जैसे विशेषज्ञ संगठनों की मौजूदा क्षमताओं को मजबूत किए जाने की जरूरत है।’
साइबर क्राइम से निपटने के लिए राजनाथ ने इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) बनाने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि इस से इंटरनैशनल साइबर गैंग द्वारा की जा रही हैकिंग को रोकने में भी मदद मिलेगी। और साथ ही कहा की देश की जांच एजेंसियों को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है और इस कॉन्फ्रेंस के जरिए उनपर चर्चा की जा सकती है।