उरी हमले के बाद से भारत आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को अलग थलग करने की मुहिम में जुटा है जिसके साथ भारत को एक नई सफलता मिली है जिसमें जब पाकिस्तान के आर्थिक और सामरिक साझेदार बताए जा रहे चीन ने आतंकवाद के मुद्दे पर साथ देने से इंकार कर दिया। चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया कि मौजूदा झगड़ा दो पडोसी राष्ट्रों के बीच का है। इसमें चीन किसी भी पक्ष के समर्थन में नहीं है।
चीन ने साफ कहा कि इस मसले को दोनों देशों को आपस में ही सुलझाना होगा। चीन के इस रुख से पाकिस्तान को करारा झटका लगा है। क्योंकि अभी तक वह हर मुद्दे पर चीन के खुद के साथ होने का दावा करता रहा है। उरी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव बढ़ा दिया है। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत लगातार पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित करवाने की मुहिम चला रहा है।
दो दिन पहले काझीकोड़ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान को सख्त संदेश देते हुए उसे आतंकवाद का निर्यातक देश कहा था। दूसरी ओर संबंधों में जारी जबरदस्त तल्खी के बीच पाकिस्तान को भी आशंका है कि भारत उस पर हमला कर सकता है। इसलिए वह लगातार चीन के समर्थन का दावा कर रहा है।
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