Use your ← → (arrow) keys to browse
अधिकारियों के मुताबिक़, इस प्रस्ताव का मक़सद ग्राहकों को खाने के मामलों में ज्यादा विकल्प देना है ताकि कम खाने पर भी पूरे खाने का बिल चुकाना नहीं पड़े।हालांकि मंत्रालय के अधिकारी ये भी मानते हैं कि ऐसे प्रस्तावों पर अमल आसान नहीं होगा। अभी ये तय करना बाक़ी है कि इसके लिए कोई नियम बनाया जाए या फिर एक दिशानिर्देश तैयार कर होटलों और रेस्टोरेंटों को दिया जाए।
अभी हाल ही में सर्विस चार्ज से जुड़े एक आदेश को लेकर उपभोक्ता मंत्रालय और रेस्टोरेंट संगठन आमने सामने हैं। ऐसे में एक और प्रस्ताव, जो ग्राहकों के हित में तो है, लेकिन इन संगठनों को नाग़वार ग़ुज़र सकती है।
Use your ← → (arrow) keys to browse