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महागठबंधन पर पड़ेगा असर?
अगर विपक्ष की ओर से अपना संयुक्त उम्मीदवार खड़ा करने के बावजूद नीतीश कुमार एनडीए उम्मीदवार को समर्थन देते हें तो इसका महागठबंधन की सेहत पर असर पड़ सकता है। नोटबंदी के मुद्दे पर भी दोनों की अलग-अलग राय ही रही थी। हालांकि, अभी आरजेडी खेमे में भी कोविंद के नाम को लेकर बेचैनी है। पार्टी के एक नेता ने माना कि जब उनका दल पिछड़े-दलित को जोड़ने की कोशिश कर रहा तो ऐसे समय में उनका कोविंद का विरोध करना आसान फैसला नहीं होगा। अगर विपक्ष कोविंद के नाम पर सहमत हो जाता है तो बिहार में दोनों दलों के नेता राहत की सांस ले सकते हैं। हालांकि,अगर 22 जून की मीटिंग के बाद विपक्ष ने अपना उम्मीदवार खड़ा किया तो इसका असर बिहार की राजनीति पर पड़ सकता है।
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