ऑपरेशन दुर्योधन में फंसे 11 सांसदों पर तय होंगे आरोप, कोबरापोस्ट की ख़बर का बड़ा असर

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साल 2005 में कोबरापोस्ट के ऑपरेशन दुर्योधन में सवाल के बदले पैसे लेने के मामले में आज विशेष अदालत ने 11 पूर्व सांसदों के खिलाफ भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश रचने के आरोप तय करने आदेश दिया है। इन सांसदों के खिलाफ साल 2005 में पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले में आरोपपत्र दाखिल किया गया है।

विशेष न्यायाधीश पूनम चौधरी ने कहा कि प्रथम दृष्टया इन पूर्व सांसदों और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों के तहत आपराधिक साजिश के आरोप बनते हैं। गौरतलब है कि कोबरा पोस्ट के ऑपरेशन दुर्योधन के बाद इन सांसदों को निष्कासित कर दिया गया था।

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अदालत ने सभी 12 आरोपियों को उनके खिलाफ औपचारिक रूप से आरोप तय करने के लिए 28 अगस्त को उसके समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया।

इस मामले में पूर्व सांसद छतरपाल सिंह लोढ़ा (बीजेपी), अन्ना साहब एम के पाटिल (बीजेपी), मनोज कुमार (आरजेडी), चंद्र प्रताप सिंह (बीजेपी), रामसेवक सिंह (कांग्रेस), नरेंद्र कुमार कुशवाहा (बीएसपी), प्रदीप गांधी (बीजेपी), सुरेश चंदेल (बीजेपी), लाल चंद्र कोल (बीएसपी), वाई जी महाजन (बीजेपी) और राजा रामपाल (बीएसपी) को आरोपी बनाया गया है।

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इनके अलावा अदालत ने रवींद्र कुमार के खिलाफ भी आरोप तय करने का आदेश दिया है। इस मामले के एक अन्य आरोपी विजय फोगाट की मौत हो जाने के कारण उसका नाम हटा दिया गया है। दिल्ली पुलिस ने इन पूर्व सांसदों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। विशेष सरकारी वकील अतुल श्रीवास्तव के माध्यम से अभियोजन पक्ष ने इन पूर्व सांसदों पर पद के दुरुपयोग का आरोप लगाया है क्योंकि ऑपरेशन दुर्योधन में इन्होने संसद में सवाल पूछने के एवज में  रुपये लिए थे। गौरतलब है कि कथित रूप से पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के मामले से जुड़े 10 लोकसभा सदस्यों और एक राज्यसभा सदस्य को 23 दिसंबर 2005 को बर्खास्त कर दिया गया था।

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ज्यादा जानकारी के लिए देखिए ऑपरेशन दुर्योधन