पहला धोखा पाकिस्तान ने सन 1947 में आज़ादी के तुरंत बाद ही दिया जब उसने जम्मू कश्मीर में अपने प्रशिक्षित आतंकियों को वहां भेज दिया था। हालांकि भारतीय सेना ने उन्हें वहां से खदेड़ निकाला लेकिन बेशरम पाक ने तब भी नहीं माना कि ये आतंकी उसी के भेजे हुए हैं पर कुछ समय बाद आखिर उसकी पोल खुल ही गयी जब पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने संयुक्त राष्ट्र में माना कि वो आतंकी पाकिस्तानी सेना के ही ट्रेंड किए हुए हैं और पाक के इशारे पर ही काम कर रहे थे। लेकिन फिर हिंदुस्तान की दरियादिली देखिये कि दिसंबर 1947 में पीएम जवाहर लाल नेहरू ने लाहौर जाकर पाकिस्तानी पीएम लियाकत अली खान से बात की।