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शूजीत सरकार की फिल्म पीकू के अच्छे खासे रिस्पोंस के बाद फिल्म पिंक की भी हर तरफ खूब तारीफ हो रही है। फिल्म पिंक लैंगिक समानता के मुद्दे को बखूबी उठाती है। समाज में फैल रही गंदगी को सरकार ने पिंक के माध्यम से काले सच के रूप में दर्शाया है। यही वजह है कि दर्शकों को इस फिल्म से खासा लगाव दिख रहा है।
अब तक अधिकतर लोगों ने फिल्म देख ली है लेकिन इस फिल्म का नाम पिंक क्यों रखा गया, कम ही लोगों ने इस बारे में सोचा होगा या फिर अधिकतर लोगों ने फिल्म पिंक का जो मतलब निकाला, वह गलत निकाला। आप भी शायद यही सोच रहे होंगे कि फिल्म का नाम पिंक इसलिए रखा गया होगा क्योंकि पिंक लड़कियों का कलर माना जाता है और फिल्म महिला सशक्तीकरण के मुद्दे को उठाती है। लेकिन पिंक शब्द के इस सामान्य अर्थ से ज्यादा कहीं गहरे अर्थ और भाव हैं।
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