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पाकिस्तान ने आरोप लगाया है कि भारत दो विवादित परियोजनाओं को पूरा करने के लिए अनुचित दवाब बना रहा है। पाकिस्तान 330 मेगावाट के किशनगंगा प्रोजेक्ट और 850 मेगावाट के रातले परियोजना पर यह कहकर आपत्ति जताता रहा है कि यह सिंधु जल समझौते का उल्लंघन है। यह तनाव उस वक्त और गहरा गया था जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इशारों ही इशारों में सिंधु जल समझौते की समीक्षा की बात कही थी।
गौरतलब है कि 56 साल पहले साल 1960 में भारत और पाकिस्तान ने इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। दोनो देशों के बीच दो युद्धों और एक सीमित युद्ध कारगिल के बावजूद ये संधि कायम है। सितंबर में उरी हमले में 18 भारतीय सैनिकों के मारे जाने के बाद एक बार फिर कयास लग रहे हैं कि क्या भारत, सिंधु जल समझौता रद्द कर सकता है?
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