संसद के इतिहास का सबसे काला दिन, आज ही के दिन हुआ था लोकतंत्र के मंदिर पर हमला

0
2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse

सबसे पहले सीआरपीएफ की कांस्‍टेबल कमलेश कुमारी ने आतंकियों को देखा और तत्‍काल अलार्म बजाया। आतंकियों की गोली में मौके पर उनकी मौत हो गई। एक आतंकी को जब गोली मारी गई तब उसकी सुसाइड वेस्‍ट से विस्‍फोट हो गया और बाकी चार आतंकियों को भी सुरक्षाबलों ने मौत के घाट उतार दिया।

इसका मुख्य साजिशकर्ता अफजल गुरु को माना जाता है। जैश-ए-मुहम्‍मद के गाजी बाबा के कहने पर संसद पर हमले की योजना बनाई। जिसके बाद अदालत ने फांसी की सजा सुनाई। सुप्रीम कोर्ट में भी फांसी को बरकरार रखा और दया याचिकाएं खारिज कर दी। नौ फरवरी, 2013 को अफजल गुरु को फांसी दे दी गई।

इसे भी पढ़िए :  सामने आई पाकिस्तान की घिनौनी करतूत, ट्रेन पर बुरहान वानी का पोस्टर लगाकर दी श्रृद्धांजलि

दिल्‍ली यूनिवर्सिटी में प्रोसेफर एसएआर गिलानी को भी निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई। लेकिन उच्‍च अदालत में सबूतों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया।

इसे भी पढ़िए :  गृहमंत्री राजनाथ सिंह के इस बयान से पाकिस्तान में मच जाएगी सनसनी!

दिल्‍ली के मुखर्जी नजर में पांचों आतंकियों के लिए रहने के इंतजाम करने का आरोपी शौकत हुसैन को निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई। बाद में उस सजा को दस साल की कैद में बदला गया। अच्‍छे आचरण के चलते जेल में सजा पूरी होने से नौ महीने पहले ही रिहा कर दिया गया।

इसे भी पढ़िए :  भारत आज मना रहा है 'राष्ट्रीय खेल दिवस', PM ने मेजर ध्यानचंद को दी श्रद्धांजलि

शहीदों को श्रद्धांजलि दे रहे संसद सदस्यों ने उनके सम्मान में कुछ पल का मौन रखा। संसद भवन परिसर में एक रक्तदान शिविर भी आयोजित किया गया।मोदी ने संसद भवन परिसर में मृतकों की तस्वीरों पर पुष्पांजलि अर्पित की। उन्होंने बाद में ट्वीट किया कि वर्ष 2001 में संसद पर हुए हमले के दौरान अपना जीवन कुर्बान करने वाले शहीदों को सलाम। उनकी बहादुरी को कभी भुलाया नहीं जाएगा।

 

2 of 2Next
Use your ← → (arrow) keys to browse