भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने आज कहा कि आजादी के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे ज्यादा कटु आलोचना का सामना करने वाले व्यक्ति हैं। उन्होंने कहा कि यदि आलोचना देश के खिलाफ लक्षित हो, तो इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं कहा जा सकता।
अमित शाह ने यहां इंडिया आइडिया कांक्लेव 2016’ के उद्घाटन में कहा कि सबसे ज्यादा कटु आलोचना अगर किसी एक व्यक्ति की हुई है आजादी के बाद तो वह नरेंद्र मोदी जी की। उन्होंने कहा कि आलोचना का स्वागत है। आलोचना को सहन भी करना चाहिए। मगर नरेंद्र मोदी जी की ओलाचना से एक कदम आगे जाकर अगर इसको देश के विरोध की दिशा में ले जाएंगे, तो क्षमा करना, ये सच्ची स्वतंत्रता नहीं है अभिव्यक्ति की।
अमित शाह ने कहा कि यद्यपि असहमत होना लोकतंत्र का हिस्सा है, लेकिन यदि यह अवांछित तरह से जारी रहता है तो विकास नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि यदि लोग इसे नहीं समझते तो लोकतंत्र का उद्देश्य खत्म हो जाएगा। लोकतंत्र का उद्देश्य यह सुनिश्चित करने का है कि विकास समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे जो इसका इस्तेमाल अपनी स्वतंत्रता को महसूस करने के लिए अपनी अधिकतम क्षमता को तलाशने के वास्ते कर सके।