प्रधानमंत्री ने कहा कि हाई कोर्ट के 50 साल के अनुभव के आधार पर भविष्य के लिए रोड मैप तैयार किया जा सकता है। पीएम ने न्यायपालिका पर मुकदमों के लगातार बढ़ते बोझ का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि न्यायपालिका का ज्यादा समय सरकार से जुड़े मामलों को निपटाने में जाता है। उदाहरण देते हुए मोदी ने कहा कि एक टीचर अगर अपने हक के लिए अदालत में जाता है और मुकदमा जीत जाता है, तो उस केस के आधार पर उस जैसे हजारों केस को फैसला सरकार अपने स्तर पर कर के न्यायपालिका का बोझ कम कर सकती है।
Bada gambheer mahaul bana hua hai yahan, 50 saal mana rahe ho,thoda toh muskuraiye: PM Modi at 50th year anniversary of Delhi HC pic.twitter.com/fmcNys18ia
— ANI (@ANI_news) October 31, 2016
वहीं इस मौके पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने जजों की नियुक्ति का मसला एक बार फिर उठाया। प्रधानमंत्री की मौजूदगी में उन्होंने केंद्र को निशाने पर लेते हुए कहा कि सरकार जजों की नियुक्ति नहीं कर रही है। कार्यक्रम में मौजूद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी अपने संबोधन में चीफ जस्टिस की बात का समर्थन किया। यहां आपको याद दिला दें कि इसी साल अप्रैल में एक कार्यक्रम के दौरान जजों की कमी का मसला उठाते हुए जस्टिस ठाकुर रो पड़े थे।