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आमतौर पर प्रीपेड सिम लेना पोस्टपेड के मुकाबले आसान माना जाता है। क्योंकि इसमें पोस्टपेड की तुलना में कम वेरिफिकेशन किए जाते हैं। लेकिन आने वाले समय में यह इतना आसान नहीं होगा। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से सभी प्रीपेड यूजर्स की पहचान जांच करने को कहा है, ताकि सिम का गलत यूज न हो सके।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया जेएस खेहर की अध्यक्षता वाली एक बेंच ने कहा है कि इसे कई चरणों में पूरा किया जाएगा। एक साल के भीतर सभी नए मोबाइल सब्सक्राइबर्स को आधार आधारित ई-केवाईसी फॉर्म भरने को कहा जाएगा।
इसके तहत उन पुराने कस्टमर्स की वेरिफेकेशन के लिए छह महीने का समय दिया जाएगा जिन्होंने बिना वेरिफिकेशन के सिम लिया है। अगर इस अवधि में उन्होंने अपना पहचान पत्र जमा नहीं किया तो उन्हें रीचार्ज करने पर बैन लगाया जा सकता है।
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