जम्मू कश्मीर में राज्यपाल शासन लगाने वाली जनहित याचिका पर सुनवाई को सुप्रीम कोर्ट तैयार

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नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर की बिगड़ती हालात को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में राज्यपाल शासन को लेकर एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। सुप्रीम कोर्ट इस जनहित याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार भी हो गया है। कोर्ट ने कहा है कि वो इस मामले पर अगले हफ्ते सुनवाई करेगा। कश्मीर की नेशनल पेंथर पार्टी ने इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर में पिछले दो हफ्ते से रूल ऑफ गन चल रहा है। लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे, राज्य में जैसे मार्शल लॉ चल रहा है। लोग जेल कैदियों से भी बदतर हालात में रह रहे हैं। उनके पास न खाना है, नलों में पानी नहीं है और दवा तक नहीं है। राज्य में नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है।

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जनहित याचिका में मांग की गई है कि जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल को निर्देश दिया जाए कि वह राज्य के संविधान के सेक्शन 92 के तहत सारा प्रशासनिक कामकाज अपने हाथों में ले लें ताकि राज्य में सुरक्षा बहाल हो और नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा हो सके। राज्यपाल को विधानसभा भंग करने के निर्देश दिए जाएं क्योंकि वह वर्तमान हालात में अपनी दायित्व निभाने में नाकाम रही है। सरकार को अमरनाथ यात्रा पर लगाई रोक हटाने के आदेश जारी हों। केंद्र सरकार को निर्देश दिए जाएं कि वह राज्यपाल को गवर्नर रूल लागू करने का सुझाव दे।

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शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा कि आप संविधान के सेक्शन 92 की बात करते है लेकिन यह शक्ति तो राज्यपाल के पास है हमारे पास नहीं। हम राज्यपाल और उनकी शक्तियों को निर्देशित नहीं कर सकते। कोर्ट ने कहा कि आप जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट में क्यों नहीं जाते? वह जमीनी हक़ीक़त को बखूबी समझते है वहां इस मामले की सुनवाई के लिए अर्जी दाखिल करें, हालांकि बाद में कोर्ट ने याचिकाकर्ता के अनुरोध को स्वीकार करते हुए कहा कि इस मामले को अगले हफ्ते सुनेंगे।

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