राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का आधार कार्ड खो गया है। जिसके बाद स्टाफ ने राष्ट्रपति में खोज अभियान शुरू कर दिया। इतने बड़े राष्ट्रपति भवन के करीब 12 कमरों में यह सर्च ऑपरेशन चलाया गया था। हालांकि आधार कार्ड की डुप्लिकेट कॉपी बनना ज्यादा मुश्किल काम नहीं है। लेकिन कर्मचारी आधार कार्ड जल्द से जल्द ढूंढ लेना चाहते, क्योंकि राष्ट्रपति को वह तभी के तभी चाहिए था। आधार कार्ड को ढूंढने की इतनी जल्दी देख कुछ लोगों के मन में शक पैदा हो गया। इसके बाद-बाद तरह के कयास लगाए जाने लगे। स्टाफ के कुछ लोगों ने अंदाजा लगाया कि हो सकता है कि प्रणव मुखर्जी को सभी पार्टियों ने मिलकर आम सहमति से उम्मीदवार बना लिया हो। जिसके बाद वह नॉमिनेशन भरना चाहते होंगे। नॉमिनेशन की प्रक्रिया के लिए भी अब आधार कार्ड चाहिए होता है।
प्रणव मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को खत्म हो रहा है। 17 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव कराए जाएंगे। इसके नतीजे 20 जुलाई को आ जाएंगे। नामांकन की अंतिम तिथि 28 जून, नामांकन पत्रों की जांच की तिथि 29 जून तथा नाम वापसी की अंतिम तिथि एक जुलाई है।
राष्ट्रपति चुनाव के लिए कांग्रेस विपक्ष की सभी पार्टियों के साथ-साथ बीजेपी के साथ गठबंधन वाली कुछ पार्टियों को तोड़कर अपने साथ करना चाहती है। ऐसे में बीजेपी की मुश्किल बढ़ सकती हैं। अगर बीजेपी अपनी पसंद का राष्ट्रपति बनाना चाहती है तो उसे गठबंधन वाली पार्टियों के अलावा कुछ क्षेत्रिय पार्टियों को अपने साथ करना होगा।
बीजेपी की तरफ से अबतक किसी को अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया गया है। वहीं कांग्रेस सभी दलों के साथ मिलकर भाजपा को उसकी पसंद का राष्ट्रपति चुनने से रोकना चाहती है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि वह आम सहमति बनाकर राष्ट्रपति चुनना चाहते हैं। लेकिन पार्टी की तरफ से फिलहाल कोई पहल नहीं हुई है।