केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड यानी CBSE ने साल 2017 से उत्तर पुस्तिका के पुनर्मूल्यांकन की सुविधा को बंद करने का निर्णय किया है। हालांकि ये सुविधा पूरी तरह बंद नहीं की जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि कुछ उचित मामलों के संदर्भ में कोई व्यवस्था बनाई जाएगी।
फिलहाल यह सुविधा बारहवीं में 10 विषयों में उपलब्ध है। बोर्ड अधिकारियों की मानें तो करीब 1.8 फीसद छात्र पुनर्मूल्याकंन के लिए आवेदन करते हैं, जिनमें से 0.05 फीसद मामले में ही कुछ खामी मिलती है। इतने कम विद्यार्थियों के लिए सुविधा को जारी रखने का औचित्य नहीं है।
बोर्ड अध्यक्ष राजेश कुमार चतुर्वेदी का कहना है कि हमारी कोशिश है कि मूल्याकंन व्यवस्था को इतना बेहतर बनाया जाए कि पुनर्मूल्यांकन की जरूरत ही न पड़े। विशेषज्ञों का कहना है कि बारहवीं बोर्ड में हर साल करीब 10 लाख परीक्षार्थी हिस्सा लेते हैं। विद्यार्थियों को सुविधा से वंचित करना गलत है।
CBSE के अध्यक्ष आरके चतुर्वेदी ने कहा कि बोर्ड के संचालक मंडल ने पूनर्मूल्यांकन को खत्म करने के निर्णय को मंजूरी दे दी है।
इसके अलावा सीबीएसई ने और भी कई बदलाव करने पर विचार किया है। पढ़ने के लिए अगले स्लाइड में जाएं – NEXT बटन पर क्लिक करें-