पठानकोट के बमियाल पुलिस स्टेशन में इंस्पेक्टर पद पर तैनात जवान ने बताया कि इस कबूतर के पंखों को एक पशु चिकित्सक की निगरानी में पिछले सप्ताह ही कतर दिया गया। उसने बताया, ‘हम कोई रिस्क लेना नहीं चाहते थे। हमने इस कबूतर के लिए एक पिजड़ा भी खरीदा है। हम इसे दाना खिलाते हैं।’ पुलिस कर्मी ने कहा, ‘हमें नहीं पता कि इस कबूतर को और कितने समय तक पुलिस स्टेशन में रखा जाएगा। स्थानीय निवासी इसे देखने के लिए पुलिस स्टेशन आते हैं। हमें तो यह भी नहीं पता है कि यह पाकिस्तान से आया है या हमारे देश का ही है। हमें बस इतना पता है कि यह एक मादा कबूतर है।’
पुलिस आॅफिसर से जब पूछा गया कि क्या कबूतर के पंख काटना क्रूरता नहीं है, इस पर उसका कहना था, ‘यह क्रूरता नहीं है, बल्कि पंख काट देने से बहुत जल्दी ही मजबूत और बड़े पंख उग आएंगे। हम उसे अच्छे से दाना भी दे रहे हैं।’ यह पहला मौका नहीं है जब कबूतर का इस्तेमाल कर जासूसी करने की कोशिश की गई है। इससे पहले भी दोनों देश एक दूसरे पर कबूतरों के जरिए जासूसी करने का आरोप लगाते रहे हैं।































































