राजनाथ ने कहा ‘ कश्मीर मामले में आग में घी ना डाले मुस्लिम नेता’ – सूत्र

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राजनाथ

कश्‍मीर में चल रही हिंसा को शांत करने के लिए गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अब पर्दे के पीछे बातचीत का रास्‍ता अख्तियार किया। राजनाथ सिंह ने प्रमुख लोगों से दो राउंड की बातचीत की है। ये लोग गैर कश्‍मीरी मुस्लिम समुदाय से आते हैं और इस दौरान कश्‍मीरियों के साथ बातचीत शुरू करने पर चर्चा की गई। सूत्रों ने बताया कि पहली मुलाकात 18 अगस्‍त को 10 लोगों के साथ राजनाथ सिंह के दफ्तर में हुई। इसके बाद दूसरी रविवार को 14 लोगों के साथ हुई। इसमें गृह मंत्रालय के वरिष्‍ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

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मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि पहली मुलाकात के बाद जम्‍मू कश्‍मीर पर काम कर रहे अलग-अलग ग्रुप्‍स की रिपोर्ट पर नए सिरे से विचार शुरू किया गया। इन रिपोर्ट्स पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। घाटी में हालात सुधरने के बाद इन रिपोर्ट की प्रमुख सिफारियों को लागू किया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि बैठक के दौरान मौजूद लोगों को राजनाथ ने इशारा किया कि सरकार तीन स्‍तरीय प्‍लान पर काम कर रही है। उन्‍होंने भरोसा दिलाया कि पैलेट गन के इस्‍तेमाल को कम किया जाएगा।

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रविवार को हुई बैठक में ओडिशा हाईकोर्ट के पूर्व जज इशरत मसरुर कुदुसी, मिली गैजेट के एडिटर जफरुल इस्‍लाम खान, पूर्व राज्‍य सभा सदस्‍य शाहिद सिद्दीकी, सुरक्षा विशेषज्ञ कमर आगा, सुप्रीम कोर्ट के वकील अशोक भान, पूर्व जम्‍मू कश्‍मीर इंटरलोक्‍युटर एमएम अंसारी और पूर्व आप नेता मुफ्ती शमीम काजमी शामिल थे। सूत्रों ने बताया कि इस दौरान लगभग सहमति थी कि कश्‍मीर में स्थिति को चलने दिया जाए। सूत्रों ने बताया, ”हममें से कुछ लोगों का विचार था कि कुछ वरिष्‍ठ मंत्रियों को कश्‍मीरियों को लेकर दिए गए कड़े बयानों ने आग में घी डालने का काम किया है। साथ ही यह भी विचार था कि कुछ न्‍यूज चैनल ऐसा दर्शा रहे हैं कि भारत कश्‍मीरियों के साथ जंग लड़ रहा है। इसको रोकने की जरूरत की है।”
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