
RBI के अनुसार जब नए नोटों का स्टॉक आवश्यक सीमा तक पहुंच जाता है तभी नोटों को वापस लेने का फैसला किया जाता है। और 8 नवंबर 2016 के आरबीआई के डाटा के अनुसार उस समय बैंक के पास केवल 94,660 करोड़ रुपये के 2000 रुपये के नोट थे जो कि बाज़ार से वापस लिए गए 15 लाख करोड़ रुपए का सिर्फ 6 प्रतिशत ही था।
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