आरजेडी के पूर्व सांसद और बिहार के बाहूबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कई बड़े सवाल उठाते हुए बड़ी बाते कही। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्यों ना सारे केस दिल्ली ट्रांसफर कर दिए जाएं। क्यों ना शहाबुद्दीन को भी सिवान से दिल्ली ट्रांसफर कर दिया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा ये मामला भारतीय अपराध शास्त्र में गवाहों की सुरक्षा और फेयर ट्रायल के कांसेप्ट की असली परीक्षा है। सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को इस मामले में आगे सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट तय कर सकता है कि सारे 45 केस दिल्ली ट्रांसफर किए जाएं या नहीं और शहाबुद्दीन को दिल्ली की तिहाड़ जेल ट्रांसफर कर किया जाए।
उल्लेखनीय है कि राजदेव रंजन केस में सीबीआई ने सीलबंद रिपोर्ट कोर्ट में सौंपी और कहा कि ये मामला दिल्ली ट्रांसफर करने के लिए फिट केस है। वहीं, शहाबुद्दीन ने इसका विरोध करते हुए कहा कि उन्हें सिर्फ इसलिए ट्रांसफर नहीं किया जा सकता क्योंकि मीडिया ने उन्हें अपराधी घोषित कर दिया है। इसके पीछे राजनीतिक साजिश है।शहाबुद्दीन के वकील ने दलील दी कि अगर केस दिल्ली ट्रांसफर किया जाता है तो उनके परिवार वालों से मिलने के अधिकार का हनन होगा।